बेनाम ही रहने दो...
कुछ भी नाम ना दो इस रिश्ते को , बस कुछ एहसास से..
इस बेनाम रिश्ते को एक पाक रिश्ता ही रहने दो..!
तुम हो कहीं, मैं हूँ कहीं, और सात समुद्र पार
गुफ़्तुगू दो दिलों की , इस सिलसिले को यूँ ही चलने दो..!
ज़िंदगी की रफ़्तार मे हम भी है और तुम भी हो...
इस बेनाम रिश्ते को एक पाक रिश्ता ही रहने दो..!
तुम हो कहीं, मैं हूँ कहीं, और सात समुद्र पार
गुफ़्तुगू दो दिलों की , इस सिलसिले को यूँ ही चलने दो..!
ज़िंदगी की रफ़्तार मे हम भी है और तुम भी हो...