...

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हत्यारें
हत्यारें

वे पहुँच रहे हैं हमतक
ढेर सारे पतों पर हर रोज
वे मंडरा रहे हैं
हमारी जिंदगी के कहीं बहुत करीब
वे लिख रहे हैं कहीं हमारे आस-पास
अपने समय की भयानक पंक्तियां
जाहिर है--
अब बहुत हीं लंबे हैं उनके हाथ
इसलिए शामिल हैं
हमारे समय...