...

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नसीहत मेरे शब्दो मैं
कोई रोना रोता है ,तो कोई हसके जीता है जो तुम परहेज रखो तो कहां कोरोना होता है !!

घर से बाहर निकले तो यह नुकसान तुम्हारा है
थोड़ा सा धीर तुम धर लो ,"ये हिंदुस्तान तुम्हारा है " !!

डटे हैं हमारे रक्षक देश के हर कोने कोने पर करो तुम गर्व अब प्यारो हिंदुस्तानी होने पर!!

बरसा है कुदरत का "कहर "अब बनके "कोरोना "
लगाके मास्क को मुँह पर,साबुन से हाथ है धोना !!

समझ लो लॉकडाउन को अब "संजीवनी बूटी "
"है जान तो-ही जहान " बाकी सब बातें हैं झूठी !!
समझ लो "सागर "की बातें तो कोई अन्याय ना होवे
मेरे देश का वाशिंदा कोई भूखा नही सोवे !!

आपका अपना गीतकार
- मुकेश सागर