...

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दिमाग़ और दिल
इक बार फिर दिमाग़ और दिल में
जंग छिड़ गई
कातिलाना नज़रों के वार से
उसकी राह बदल गई।
सोचता वो रहा रात भर
करवटें ले लेकर
जैसे अब कोई दुनियां सी 
पलट गई।
इक बार फिर………...

उस मासूम से चेहरे को
अपने हाथों से छूकर
हाथ थाम ले उसका,
या जिंदगी में खैरियत है सब,
ये इश्क भी
पानी का है बुलबुला 
सोच...