दिल्लगी
जिंदगी बनकर एक पहेली साथ चलती गई
वो मिलेंगे किस मोड़ पर इस आस पर रह गई,
गुज़रते वक्त से ये आभास होने लगा मुझे
ये दिल की लगी शायद दिल्लगी बन गई,
कुछ कदम चल दिए थे...
वो मिलेंगे किस मोड़ पर इस आस पर रह गई,
गुज़रते वक्त से ये आभास होने लगा मुझे
ये दिल की लगी शायद दिल्लगी बन गई,
कुछ कदम चल दिए थे...