कुदरत
मोर मोरनी संग निकले है सावन में इस कुदरत की...
खेलकर मिट्टि धूल गये हम आंगन में इस कुदरत की...
सुक्ष्म विक्राल रूप शामिल, अमिबा और हाती देखो...
देखो बरसती पानी की बूंदे और बागे लहराती देखो...
इंद्र सूर्य का युद्ध चल रहा फिजाए उमंगी है...
कुदरत की चुनरी देखो कितनी सतरंगी है...
फूलो के खातिर तितली...