Mohobbat ki Sham
एक रोज़ मोहब्बत की शाम को
हम वफ़ा परोसे बैठे थे
दिल में छुपी दर्द भरी बातें
लबों पे मुस्कुराहट लिए बैठे थे
वो जाम जो इश्क़ का पी रखा था,
मदहोश...
हम वफ़ा परोसे बैठे थे
दिल में छुपी दर्द भरी बातें
लबों पे मुस्कुराहट लिए बैठे थे
वो जाम जो इश्क़ का पी रखा था,
मदहोश...