...

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महादेव की महिमा
सागर की लहरों समान
है जीवन में उतार चढ़ाव।
हर विपत्ति तोड़ देती व्यक्ति को,
जब होता कष्टों का अवसान।
टूट जाता है हर व्यक्ति,
और आ जाता है बिखराव,
यह है जिन्दगी का उतराव।
मानव जब चढ़ता प्रगति के सोपान,
तब,प्रफुल्लित होता ह्रदय,
हो जाता सब दुखों का हरण,
और खुशियों से,
खिल उठता वातावरण,
कष्टों से गर चाहते हो बचना,
कर लो नित नियम से,
महादेव की वंदना।
भोले नाथ के वंदन से,
असीम सुख तुम पाओगे।
फंस गए यदि झंझावातमें,
निकलने की राह भी,
तुम पा जाओगे ।

© mere alfaaz