कुछ अनकही बाते खुद से...
#दर्पणप्रतिबिंब
देख आज दर्पण मे चेहरा अपना, मन मे उठे है कुछ सवाल,
क्या करू मे भगवान की भक्ति,
या करू अपनी किस्मत पर भरोसा,
करू अपने पैरो को मजबूत,
या रहु मै निर्भर अपनों पर,
छू, लू आसमां...
देख आज दर्पण मे चेहरा अपना, मन मे उठे है कुछ सवाल,
क्या करू मे भगवान की भक्ति,
या करू अपनी किस्मत पर भरोसा,
करू अपने पैरो को मजबूत,
या रहु मै निर्भर अपनों पर,
छू, लू आसमां...