तुमको मनाना छोड़ दु क्या .?
तुम बताओ मैं बताना छोड़ दु क्या..??
तुमसे रूठना,तुमको मनाना छोड़ दु क्या...!!
देखो ये मोह्हबत है मेरी,वरना तुम्हारे नखरे मैं उठाता नही...
कम्बखत ये मोहब्बत इबादत है मेरी,
वरना तुम्हे सर पर चढ़ाता नही...!!
अगर अब भी भाव खाना है,
तो तुम बताओ मैं छोड़ दु क्या..
तुम्हारे लिए लिखना छोड़ दु क्या..??
बहुत टूट कर चाहा तुम्हे,
सिर्फ ख्वाब में गले लगाया...
तुमसे रूठना,तुमको मनाना छोड़ दु क्या...!!
देखो ये मोह्हबत है मेरी,वरना तुम्हारे नखरे मैं उठाता नही...
कम्बखत ये मोहब्बत इबादत है मेरी,
वरना तुम्हे सर पर चढ़ाता नही...!!
अगर अब भी भाव खाना है,
तो तुम बताओ मैं छोड़ दु क्या..
तुम्हारे लिए लिखना छोड़ दु क्या..??
बहुत टूट कर चाहा तुम्हे,
सिर्फ ख्वाब में गले लगाया...