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क्या,आँखों- देखा सच?
सच क्या?
दर्पण या नैन
यहाँ , मोल किसी का कैसे होता?
तन या टोह में कभी सोचा।
काया क्या,
जाने कैसे तुम?
उतरन पहना या नया।
काला गोरा वहीं जो जाना या इसमे झाँके अंधेरा।
रोशन क्या सच में है किसी का सवेरा।
जाना कैसे तुमने काला गोरा?
आँखें सच कहे या मुख?
यहाँ "क्या" कहना सही या "कितना"रहेगा उचित।
तन पर माया कितनी? दर्पण बताया।
छाया कैसी बनी? ये आँखें ही माया।
थोडा कहोगे या वही हैं पुरा?
तृष्णा का तुम फिर क्या कहोगे?
कितना चलोगे?
ये चलकर मिलेगा या रुक कर समझेगा।
सच क्या होता,ये कैसे जाना?
या फिर यह झूठ से बना फसाना।
जानो तो बताना।
© 🍁frame of mìnd🍁
दर्पण या नैन
यहाँ , मोल किसी का कैसे होता?
तन या टोह में कभी सोचा।
काया क्या,
जाने कैसे तुम?
उतरन पहना या नया।
काला गोरा वहीं जो जाना या इसमे झाँके अंधेरा।
रोशन क्या सच में है किसी का सवेरा।
जाना कैसे तुमने काला गोरा?
आँखें सच कहे या मुख?
यहाँ "क्या" कहना सही या "कितना"रहेगा उचित।
तन पर माया कितनी? दर्पण बताया।
छाया कैसी बनी? ये आँखें ही माया।
थोडा कहोगे या वही हैं पुरा?
तृष्णा का तुम फिर क्या कहोगे?
कितना चलोगे?
ये चलकर मिलेगा या रुक कर समझेगा।
सच क्या होता,ये कैसे जाना?
या फिर यह झूठ से बना फसाना।
जानो तो बताना।
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