क्या,आँखों- देखा सच?
सच क्या?
दर्पण या नैन
यहाँ , मोल किसी का कैसे होता?
तन या टोह में कभी सोचा।
काया क्या,
जाने कैसे तुम?
उतरन पहना या नया।
काला गोरा वहीं जो जाना या इसमे झाँके अंधेरा।
रोशन क्या सच में है किसी का सवेरा।
जाना कैसे तुमने...
दर्पण या नैन
यहाँ , मोल किसी का कैसे होता?
तन या टोह में कभी सोचा।
काया क्या,
जाने कैसे तुम?
उतरन पहना या नया।
काला गोरा वहीं जो जाना या इसमे झाँके अंधेरा।
रोशन क्या सच में है किसी का सवेरा।
जाना कैसे तुमने...