Papa
पापा
कभी कभी सोचता हु की आप न होते तो जिंदगी कैसी होती।
जैसे कड़ी धूप में छाओ ना होती।
तपाया जब कभी जिंदगी में परेशानियों की धूप ने
हर बार आपने पेड़ की छाओ बनके बचाया हैं।
जिंदगी के किसी मोड़ पर अगर हर भी जाऊ
तो दर नई लगता।
क्यूंकि मुझ पर आपका साया है।
जब कभी मेरा दिल घबराया है।
मेने आपको अपने पास पाया है।
जब कभी मुझे अंधेरे से डर लगता।
आप मेरा हाथ थाम लेते थे।
...
कभी कभी सोचता हु की आप न होते तो जिंदगी कैसी होती।
जैसे कड़ी धूप में छाओ ना होती।
तपाया जब कभी जिंदगी में परेशानियों की धूप ने
हर बार आपने पेड़ की छाओ बनके बचाया हैं।
जिंदगी के किसी मोड़ पर अगर हर भी जाऊ
तो दर नई लगता।
क्यूंकि मुझ पर आपका साया है।
जब कभी मेरा दिल घबराया है।
मेने आपको अपने पास पाया है।
जब कभी मुझे अंधेरे से डर लगता।
आप मेरा हाथ थाम लेते थे।
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