आजाद
देख बदहाली आज के जमाने की,
मुझे बिसरा दिन याद आता है;
क्या कर दिया हाल मेरी माँ का!
सोच सोच के आँख भर आता है।
मेरा वतन हमेशा मेरा आन रहा है,
इस मान की क्या...
मुझे बिसरा दिन याद आता है;
क्या कर दिया हाल मेरी माँ का!
सोच सोच के आँख भर आता है।
मेरा वतन हमेशा मेरा आन रहा है,
इस मान की क्या...