...

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बेखबर
ओ बेखबर , क्या ? तुम्हे
ये एहसास है तुम मेरे सपनो
में आने लगे हो ... नींद तो
मुझे पहले भी नही आती थी
अब तुम मेरा चैन भी चुराने
लगे हो .....

तुम्हारा वो मेरा ख्याल
रखना मेरी बेवफूफी भरी
बातो पर भी खिलखिला कर
हंसना .......
मुझे तुम्हारे और भी करीब
ला रहा है ,
ये ख्याल ये एहसास मेरी
धडकनों को बढ़ा रहा है
तुम्हे पता है तुम मुझे कैसे
पसंद आए थे... ।
शायद तुम्हे तो याद भी नही होगा
एक बार मै बस में जा रही थी
तुम मेरी साथ वाली सीट पर
बैठे थे फिर वहां एक बूढ़ी महिला
आई थी कोई सीट ना खाली थी
हम दोनो ने चारो तरफ नज़र घुमाई
थी । मै उठने ही वाली थी इतने में
तुम बोल पड़े , आप बैठे रहो
वैसे भी मेरा स्टॉप आने वाला है
मै खड़ा हो जाता हूं,
तुम्हारा ऐसा करना मुझे भा गया
मुझे ये सोच कर हंसी भी आई
की तुमने झूठ कहा , क्युकी
तुम्हारा स्टॉप आधे घण्टे बाद
आया और हम एक ही स्टॉप पर
उतरे थे ।

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