आख़िरी मुलाक़ात
लबों पर खामोशी....आँखों से हुई थी अश्कों की बरसात,
गलतफहमियों के शोर तले में दब रहे थे सारे मेरे जज़्बात !!
शिकवे शिकायतों के बिच बिन कुछ कहे हो रही थी बात,
हाँ....याद है मुझे आज भी वो हमारी आख़िरी मुलाक़ात !!
फिर से एक...
गलतफहमियों के शोर तले में दब रहे थे सारे मेरे जज़्बात !!
शिकवे शिकायतों के बिच बिन कुछ कहे हो रही थी बात,
हाँ....याद है मुझे आज भी वो हमारी आख़िरी मुलाक़ात !!
फिर से एक...