मेरा सुकून तुझसे है...
जब कभी तू
आए मेरे पास,
अपने कंधे से
दूसरे बोझ हटाऊंगी
दूंगी अपने कंधे का सहारा,
तेरे सुकून का आशियाना बनाऊंगी
न मैं कुछ पूछूंगी, न तू कुछ बताना,
उन खामोश...
आए मेरे पास,
अपने कंधे से
दूसरे बोझ हटाऊंगी
दूंगी अपने कंधे का सहारा,
तेरे सुकून का आशियाना बनाऊंगी
न मैं कुछ पूछूंगी, न तू कुछ बताना,
उन खामोश...