...

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क्षण भंगुर
नियति का तोड़ मुमकिन नहीं,
नीयत पर तो क़ाबिज़ ख़ुद…
तरक़्क़ी की आपाधापी में
क्यों खोये सब सुध बुध ??
अपना पराया सब मोह माया ..
इंसान वही जो किसी के काम आया ,...