क्षण भंगुर
नियति का तोड़ मुमकिन नहीं,
नीयत पर तो क़ाबिज़ ख़ुद…
तरक़्क़ी की आपाधापी में
क्यों खोये सब सुध बुध ??
अपना पराया सब मोह माया ..
इंसान वही जो किसी के काम आया ,
छोटी सी समस्या पर करें हाए तौबा,
क्यों नहीं समझते,
प्रकृति से आखेट कब तक होगा ,
कभी बैठें जो नदिया किनारे ,
समझने लगोगे इसके इशारे …
बड़ी इमारतें , सपनों के महल ,
बड़े बाज़ार ,खूब चहल पहल …
क्षण भंगुर ये नश्वर सब,
प्रकृति ने अति सही है कब ??
© @mishti86
नीयत पर तो क़ाबिज़ ख़ुद…
तरक़्क़ी की आपाधापी में
क्यों खोये सब सुध बुध ??
अपना पराया सब मोह माया ..
इंसान वही जो किसी के काम आया ,
छोटी सी समस्या पर करें हाए तौबा,
क्यों नहीं समझते,
प्रकृति से आखेट कब तक होगा ,
कभी बैठें जो नदिया किनारे ,
समझने लगोगे इसके इशारे …
बड़ी इमारतें , सपनों के महल ,
बड़े बाज़ार ,खूब चहल पहल …
क्षण भंगुर ये नश्वर सब,
प्रकृति ने अति सही है कब ??
© @mishti86