...

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हालात
हालात बिगड़ते जा रहे हैं
जज्बात बदलते जा रहे हैं,
सुनाई देता था इंसानियत नहीं रही, आज
इंसान संभलते जा रहे हैं
मत पूछो कि क्या खो दिया है हमने इस दौर में
पर जो देकर जाएगा ये वक्त वो किस्से लिखते जा रहे हैं
पहले मैं पास बैठती थी उसके पर कभी देखा भी नहीं था
आज दूर से देखकर ही ख्याल आया उसके बाल बढते जा रहे हैं
अजीब दौर आया है आज कि कितनो को अपनो से दूर कर दिया
और कहीं दूर हो गए थे जो उनके करीब होते जा रहे हैं