माँ की मोहब्बत
माँ की मोहब्बत के बारे में क्या कहूँ,
है उतने अल्फाज नहीं मेरे पास
जो बयां कर सके सही - सही
उसकी मोहब्बत की गहराइयों को।
सागर से भी गहरा ,ब्रह्मांड से विशाल
है जिसकी मोहब्बत
अनंत , अपरिमित , असीमित , अनश्वर।
मौसम बदल जाते हैं
वक्त बदल जाता है
हालात बदल जाती है
ये पूरी कायनात बदल जाती है
पर कभी जो बदलती नहीं
ऐसी है माँ की...
है उतने अल्फाज नहीं मेरे पास
जो बयां कर सके सही - सही
उसकी मोहब्बत की गहराइयों को।
सागर से भी गहरा ,ब्रह्मांड से विशाल
है जिसकी मोहब्बत
अनंत , अपरिमित , असीमित , अनश्वर।
मौसम बदल जाते हैं
वक्त बदल जाता है
हालात बदल जाती है
ये पूरी कायनात बदल जाती है
पर कभी जो बदलती नहीं
ऐसी है माँ की...