वेदना
इस समाज में सभी वेदना से ग्रसित हैं,
प्रत्येक व्यक्ति किसी ना किसी दुःख से पीड़ित है।
जो अमीर है उसे अपने लाभ-हानि का दुःख है,
जो गरीब है वो अपने जीवन से ही रूष्ट है।
भ्रष्टाचार से मिली कमाई को नेता संभाल नहीं पा रहे हैं,
योग्य होकर भी व्यक्ति बेरोजगारी के कारण ठोकरें खा रहे हैं।
पीड़ित व्यक्ति न्याय के लिए कोर्ट के चक्कर काट रहे हैं,
अपराधी सजा का नाम सुनते ही भाग खड़े हो जा रहे हैं।
स्त्री समाज व अपने घर में उत्पीड़न का शिकार हो रही...
प्रत्येक व्यक्ति किसी ना किसी दुःख से पीड़ित है।
जो अमीर है उसे अपने लाभ-हानि का दुःख है,
जो गरीब है वो अपने जीवन से ही रूष्ट है।
भ्रष्टाचार से मिली कमाई को नेता संभाल नहीं पा रहे हैं,
योग्य होकर भी व्यक्ति बेरोजगारी के कारण ठोकरें खा रहे हैं।
पीड़ित व्यक्ति न्याय के लिए कोर्ट के चक्कर काट रहे हैं,
अपराधी सजा का नाम सुनते ही भाग खड़े हो जा रहे हैं।
स्त्री समाज व अपने घर में उत्पीड़न का शिकार हो रही...