...

6 views

इंसानियत
मेरी खामोशी मेरा सबर है
सोच जरा कितना मुझमे इंसानियत का बसर है

तुमको तो बस मेरे हस्ते हुए चेहरे की खबर है
क्या पता है , दर्द का इसके पिछे एक बडा सा नगर है

खुशिया वहा आती ही नही
फिर भी देख कहा मेरी इंसानियत पे इसका असर है ।

© pain.in.pain_2211