...

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💫💫
मैं टूटी थी अंदर से
मगर दुनिया के आगे
खुदको हसाए जा रही थी

जो अधूरे रहेंगे सपने
बस उन्ही सपनो को
दोहराए जा रही थी

नजर उठा के चलती थी हमेशा
बस खुदकी नजरों में
गिरती जा रही थी

सोचा था , किसी पत्थर से टकराकर संभाल जाऊंगी
मगर झूठे दिलासो से इस
दिल को बस समझाए जा रही थी

मां बाप के सर पे हाथ रखने से
उम्मीद बढ़ रही थी
मगर मैं उनकी उम्मीदों को तोड़ती जा रही थी

मैं टूटी थी अंदर से
मगर दुनिया के आगे
खुदको हसाए जा रही थी



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