तब मैं, मैं नहीं रहता, मैं तुम हो जाता हूं।
जब भोर में पंछी शोर मचाते है,
भवरे फूल खिलाते हैं,
मैं छूता हु जब कलिया को,
जहन में तुम्हारे गाल उतर आते है,
और मैं ख्यालों में चला जाता हु,
तब मैं, मैं नहीं रहता, मैं तुम हो जाता हूं।
जब कभी बागो में,
में यूंही चलते जाता हूं,
टकराता हूं मैं कई फूलो से,
और एक फूल की खुश्बू पर अटक जाता हूं
तब तुम्हारे बाल आते है जहन में,
और मैं ख्यालों में चला जाता हु,
तब मैं, मैं नहीं रहता, मैं तुम हो जाता हूं।
जीवन की इस दौड़ में,
जब मैं थक कर बैठ जाता हूं,
तुम हाथ बढ़ाती हो,
मैं तुम्हारे हाथो को तकता हूं,
और मैं ख्यालों में चला जाता हु,
तब मैं, मैं नहीं रहता, मैं तुम हो जाता हूं।
© Bunty Dholpuria
#Love&love💞 #Love&love
भवरे फूल खिलाते हैं,
मैं छूता हु जब कलिया को,
जहन में तुम्हारे गाल उतर आते है,
और मैं ख्यालों में चला जाता हु,
तब मैं, मैं नहीं रहता, मैं तुम हो जाता हूं।
जब कभी बागो में,
में यूंही चलते जाता हूं,
टकराता हूं मैं कई फूलो से,
और एक फूल की खुश्बू पर अटक जाता हूं
तब तुम्हारे बाल आते है जहन में,
और मैं ख्यालों में चला जाता हु,
तब मैं, मैं नहीं रहता, मैं तुम हो जाता हूं।
जीवन की इस दौड़ में,
जब मैं थक कर बैठ जाता हूं,
तुम हाथ बढ़ाती हो,
मैं तुम्हारे हाथो को तकता हूं,
और मैं ख्यालों में चला जाता हु,
तब मैं, मैं नहीं रहता, मैं तुम हो जाता हूं।
© Bunty Dholpuria
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