हाँ मैं मजदूर हूँँ
हाँ मैं मजदूर हूँ ।
मजबूर नहीं , मजबूत हूँ ।
कारीगर हूँ मैं , दुनिया के सात अजूबों का
पत्थर को भी तराशकर, वो ईश्वर भी बना देता हूँ।
झुक जाता है सबका सर जहाँ आस्था से,
वो मंदिर और...
मजबूर नहीं , मजबूत हूँ ।
कारीगर हूँ मैं , दुनिया के सात अजूबों का
पत्थर को भी तराशकर, वो ईश्वर भी बना देता हूँ।
झुक जाता है सबका सर जहाँ आस्था से,
वो मंदिर और...