...

10 views

सच
मैं टूट गया बुरी तरह
ये जानकर नहीं की तुमने मुझे ना चाहा
बल्कि ये जानकर कि
मैंने तुम्हें ख़ुद से ज्यादा चाहा
तेरे गमों को मिटाने के लिए
अपनी खुशियों को किनारे रखा
तेरा इश्क़ पाने के लिए
ख़ुदको तक था मैं भूल चुका
सच से रूबरू होने से मैं डरने लगा
हर एक ख़्वाब मेरा
क्यूं सिर्फ़ एक ख़्वाब ही बनकर रहा
देर से ही सही पर एहसास हुआ
किसीको हद से ज्यादा चाहना अच्छा नहीं
दर बदर प्यार की तलाश में भटकते रहने में
यारों कुछ रक्खा नहीं
तुम जानते हो फ़िर भी मैं याद दिला दूं
तुझसे इश्क़ किसीको
ख़ुदा से ज्यादा सच्चा नहीं

© rõõh