पर अब फ़र्क नहीं पड़ता...
ना चाहत है
ना प्यार है,
बस कुछ सांसे है
जो उधार है.....!
पर अब फर्क़ नहीं पड़ता...
था जो बेइंतहा है
बेशुमार है,
पर ऐसा लगता है,
शायद
मुझे ही उससे प्यार है!
पर अब फर्क़ नहीं...
ना प्यार है,
बस कुछ सांसे है
जो उधार है.....!
पर अब फर्क़ नहीं पड़ता...
था जो बेइंतहा है
बेशुमार है,
पर ऐसा लगता है,
शायद
मुझे ही उससे प्यार है!
पर अब फर्क़ नहीं...