मेरी हर सांस में
मेरी हर सांस में
महकते हो तुम ख़ुश्बू बन के
जो गैर सुन नहीं सकता वो
आवाज़ देते हो धड़कन बनके
मुमकिन नहीं है की भुला सकूँ
एक पल के लिए भी
मेरी रगों में दौड़ते हो तुम
सुर्ख़ लहू बनके ...
© lovelifetip
महकते हो तुम ख़ुश्बू बन के
जो गैर सुन नहीं सकता वो
आवाज़ देते हो धड़कन बनके
मुमकिन नहीं है की भुला सकूँ
एक पल के लिए भी
मेरी रगों में दौड़ते हो तुम
सुर्ख़ लहू बनके ...
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