मेरी हर सांस में
मेरी हर सांस में
महकते हो तुम ख़ुश्बू बन के
जो गैर सुन नहीं सकता वो
आवाज़...
महकते हो तुम ख़ुश्बू बन के
जो गैर सुन नहीं सकता वो
आवाज़...