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आरम्भ कर!
The writer dedicates these lines to the " CS and IT" sector people who has been fired and r scared about their future due to the current scenario of COVID-19. The writer wants to say that this is the time u can improve your hard skill and learn new emerging technologies of ur own field.However, Reader can read it as inspirational lines in any contest for a new beginning🙂. Thank you.
पुतलीयों में आसमां को समा चुके,
व्यक्तित्व सागर से भी गहरी बना चुके,
फिर, नये आगाज की झंकार सुन,
कदम तेरे आज क्यों कपकपा रहे?
जिवन्त जिसका हर लक्ष्य हो,
भीष्म साक्षात, तुम ही प्रत्यक्ष हो!
फिर, अंधेरी रात रागनी,
तेरे होठ आज क्यों गुनगुना रहे?
छोड़ वैर्थ की चिन्त्तना,
अन्याय पे,
अब ना और कर मंथना,
खुद पे तू विश्वास कर,
कलाकार भाॅऺति अभ्यास कर,
अभ्यास कर, प्रयास कर,
फिर एक प्रयास कर!!
अपने हार के हर वार को,
उठ -खड़ा ,बना तलवार तू|
प्रारब्ध को तू ध्यान कर,
और कर्म को पहचान कर,
आरम्भ कर, प्रारंभ कर,
फिर एक प्रारंभ कर!!
एक नया प्रारंभ कर!!
एक नया प्रारंभ कर!!

#newbeginning