इज़हार
एक दिन एक लड़की से प्यार हुआ,
उसका तो पता नहीं, मेरे दिल को उसने छुआ,
इज़हार करने चला था
और उसने ठुकरा दिया,
दिलों से खेलना उनका शौक है
ये मुझे मालूम हुआ,
कैसे की उसने ये बेवफाई
इस बात पे में हैरान हुआ,
विश्वास नहीं था इस बात पर
फिर भी ऐरबार किया,
वफ़ा नहीं थी धोखा उसकी
इस बात का इस्तकबाल हुआ,
देर हो चुकी थी
माफी भी नहीं मांग सका,
मेरी आंखो से दूर
उसका अक्स हुआ,
हैरानी थी इस बात की कैसे
उसे मुझसे पहले मेरे इश्क़ का
एहसास हुआ,
शायद इसलिए उसने
बेवफाई का इल्ज़ाम लिया,
इस बात का गुमान सदा रहेगा
कि मैंने एक चाहत का दीदार किया,
खो दिया जिसे मैंने पा के
एसी मोहब्बत का इजहार किया।।
उसका तो पता नहीं, मेरे दिल को उसने छुआ,
इज़हार करने चला था
और उसने ठुकरा दिया,
दिलों से खेलना उनका शौक है
ये मुझे मालूम हुआ,
कैसे की उसने ये बेवफाई
इस बात पे में हैरान हुआ,
विश्वास नहीं था इस बात पर
फिर भी ऐरबार किया,
वफ़ा नहीं थी धोखा उसकी
इस बात का इस्तकबाल हुआ,
देर हो चुकी थी
माफी भी नहीं मांग सका,
मेरी आंखो से दूर
उसका अक्स हुआ,
हैरानी थी इस बात की कैसे
उसे मुझसे पहले मेरे इश्क़ का
एहसास हुआ,
शायद इसलिए उसने
बेवफाई का इल्ज़ाम लिया,
इस बात का गुमान सदा रहेगा
कि मैंने एक चाहत का दीदार किया,
खो दिया जिसे मैंने पा के
एसी मोहब्बत का इजहार किया।।