...

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पोशीदा
#Invisible


उस की यादें अब पोशीदा बन के रह गई।
क्योंकि वोह मौत के दहलीज़ में बस गई ।।

कभी सीखा था उससे हर पल मुस्कुराना।
आज मेरी खिलखलाहट लूट कर चल गई।।

सांसें भी छुपा छुपी खेल खेेलती गई।
आज ज़िंदगी से धड़कनें लूट कर चल गई।।

पल पल उसकी तबस्सुम पोशीदा हाय रह गई।
दिल में वोह आशियाना करके क्यों चल गई।।