...

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ख्वाईशे ......
मुट्ठी भर ख्वाहिशें हैं
ज्यादा कुछ नहीं,
हर रोज़ सोचते हैं
आज कुछ खास नहीं.!!
ज़िंदगी के सफर में
चल रहे हैं कदम
हर मोड़ पर रुकना
मंजूर हमें नहीं.!!

छोटी-छोटी खुशियाँ
बड़े अरमान,
इनसे ही तो बनती है
ज़िंदगी की पहचान!!
रोज़ की जद्दोजहद में
ढूंढते हैं सुकून,
मुट्ठी भर ख्वाहिशें हैं
हर ख्वाहिश में जूनून!!

चाहतें बड़ी हैं, मगर
दिल छोटा नहीं,
मुट्ठी में है आसमां
बस यही ख्वाहिशें हैं सही!!
हर ख्वाहिश के पीछे
एक सपना छिपा है,
हर सपने के आगे,
एक हौसला खड़ा है.!!

मुट्ठी भर ख्वाहिशें
थोड़ा सा आसमां,
इन्हीं के सहारे तो
कटता है ये कारवां!!
ज़िंदगी का ये सफर
यूँ ही चलता रहे,
मुट्ठी भर ख्वाहिशें,
हर दिन खिलती रहें..!!

यही तो है जीने
का सही मज़ा,
हर ख्वाहिश में हो
बस थोड़ा सा हौसला!!
मुट्ठी भर ख्वाहिशें हैं
ज्यादा कुछ नहीं,
इनसे ही तो बनती है,
हमारी कहानी यही....!!!!
Nishu __