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लोग मतलब के लिए हमें इस्तेमाल करते गए
लोग मतलब के लिए हमें इस्तेमाल करते गए
हम इस दर्जा न समझ रहे इस्तेकबाल करते गए
मुमकिन कहाँ था शिकवा करते उनसे
वो सवाल करते गए हम ख़याल करते गए
अफ़सोस के एक ही मिज़ाज के थे दोनों आदि
वो खुशियाँ मुहाल करते गए हम मलाल करते गए
क्या क्या नहीं गुज़रा दिन रात सब एक हुआ
इन हालातो मे आकर भी हम बेहतर आमाल करते गए
एक अजीब दस्तरस हासिल है इस दिल को सारिम
लोग ज़ख्म देकर बेहाल करते गए हम कमाल करते गए
© Sarim
हम इस दर्जा न समझ रहे इस्तेकबाल करते गए
मुमकिन कहाँ था शिकवा करते उनसे
वो सवाल करते गए हम ख़याल करते गए
अफ़सोस के एक ही मिज़ाज के थे दोनों आदि
वो खुशियाँ मुहाल करते गए हम मलाल करते गए
क्या क्या नहीं गुज़रा दिन रात सब एक हुआ
इन हालातो मे आकर भी हम बेहतर आमाल करते गए
एक अजीब दस्तरस हासिल है इस दिल को सारिम
लोग ज़ख्म देकर बेहाल करते गए हम कमाल करते गए
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