...

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एक ख़्वाब संजोए बैठा था।
एक ख़्वाब संजोए बैठा था
तुम्हारी अंखो मे मुझे रहना था।
हाथों की हथेली पर एक तेरा साथ होना था।
चाहा था बहुत कुछ कहना तुमसे,
पर बात दिलों से निकल कर
जुबां पर आकर रुक गई।
कैसे कहता तुमसे हाल - ऐ - दिल जब तुम किसी और की दिल की धड़कन बन गई।

एक ख़्वाब संजोए बैठा था।
उसके संग सारी उम्र मुझे रहना था।
बैठ कर संग उसके कंधे पर सर रखकर उसके सोना था।
हाथों में थामकर हाथ उसका जीवन के सफर में संग उसके मुझे चलना था।
एक हसीन ख़्वाब जो अक्सर देखा करता था संग उसके वो पूरा करना था।
बैठाकर डोली में उसको अपने
सपनो के घर में लाना था।
अरे दो पल की तो बात छोरो 2
सारी उम्र उसके साथ बिताना था।

पर न जाने किसकी नजर हमे लगी
नापाक मोहब्बत हमारी पनाह हो गई।
वो बैठकर डोली में किसी और के आंगन की सोभा हो गई।
में फकत बैठ उन्ही रहो में इंतजार करता रहा
वो उसी रास्ते से मुझको अलविदा कह चली।

देखा था एक सपना जिसमे साथ होता अपना
वो सपना अधूरा ही रह गया वो शख्स कुछ इस कदर बेवफा हो गया।

एक ख़्वाब संजोए बैठा था ।
उसके दिल में मुझे रहना था
पर टूटा एक सपना मेरा
दिल रो पड़ा देख चेहरा उसका
आंखो में उसका इंतजार अब भी था
ना जाने क्यों पर उसे भी प्यार मुझसे अब भी था।
इस से पहले की कुछ कहता में या
वो अपने दिल का हाल बताती
रो पड़े दो नैन मेरे ना जाने क्यों धड़कने तेज हो जाती। एक पल जिसके देखे बिना जीना ना था अब उसके बगैर कैसे राते कटपती
कैसे कहता हाले दिल उसको जब वो किसी और किस्मत में पहले ही लिख दी जाती।

एक ख़्वाब संजोए बैठा था
उसके साथ मुझे सारी उम्र रहना था।





© The Burning🔥soul Niraj