तुझकों क्या चाहिए ज़िन्दगी।
तुझको क्या चाहिए ज़िन्दगी?,
हर पल क्यों बदलती है?,
हर साँस में मरता जीवन,
क्यों, ख़यालों में जीता है?
तुझकों क्या चाहिये ज़िन्दगी?,
तू चाँद सितारों को भी नही छोड़तीं ,
किसे है चाँद रातों में खोजती ?,
किसकी जुदाई में सूरज आज भी जलती?
मेहनत से बुलंदी पर पहुँचा जीवन ,
सितारों सा टूटता है।
सागर के लहरों सा जीवन क्यों हिचकता है?
किस्से मिलने के लिए मन ,हर पल उतावला रहता है?
हर साँस में मरता जीवन, क्यों ख़यालों में जीता है?
तुझकों क्या चाहिए ज़िन्दगी?,
आज सब कुछ हो कर के भी, सब सूना है?,
जिसके पीछे कल रातें की काली,
वो हासिल हो के भी, सब फीका है?
मौसम की तरह, कभी गर्मी कभी सर्दी,
जिंदगी, तू हर पल बदलती है।
पचीस वर्षों की है, साँझी हमारी,
पर ,प्रकृति बन ,तू अभी भी न जाने किस वर्तमान को ढूँढ़ती है?
तुझको क्या चाहिए ज़िन्दगी?
हर पल में नया रंग, गिरगिट की तरह तू क्यों बदलती है?
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हर पल क्यों बदलती है?,
हर साँस में मरता जीवन,
क्यों, ख़यालों में जीता है?
तुझकों क्या चाहिये ज़िन्दगी?,
तू चाँद सितारों को भी नही छोड़तीं ,
किसे है चाँद रातों में खोजती ?,
किसकी जुदाई में सूरज आज भी जलती?
मेहनत से बुलंदी पर पहुँचा जीवन ,
सितारों सा टूटता है।
सागर के लहरों सा जीवन क्यों हिचकता है?
किस्से मिलने के लिए मन ,हर पल उतावला रहता है?
हर साँस में मरता जीवन, क्यों ख़यालों में जीता है?
तुझकों क्या चाहिए ज़िन्दगी?,
आज सब कुछ हो कर के भी, सब सूना है?,
जिसके पीछे कल रातें की काली,
वो हासिल हो के भी, सब फीका है?
मौसम की तरह, कभी गर्मी कभी सर्दी,
जिंदगी, तू हर पल बदलती है।
पचीस वर्षों की है, साँझी हमारी,
पर ,प्रकृति बन ,तू अभी भी न जाने किस वर्तमान को ढूँढ़ती है?
तुझको क्या चाहिए ज़िन्दगी?
हर पल में नया रंग, गिरगिट की तरह तू क्यों बदलती है?
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