#अनकहें_शब्द🥀
गली से कोई भी गुज़रे तो चौंक उठता हूं,
मैं मकान में खिड़की नहीं बनाऊँगा.!
मैं दुश्मनों से अगर जीत भी जाऊँ,
तो उनकी औरतें कैदी नहीं बनाऊँगा.!
चालाकी से तेरा...
मैं मकान में खिड़की नहीं बनाऊँगा.!
मैं दुश्मनों से अगर जीत भी जाऊँ,
तो उनकी औरतें कैदी नहीं बनाऊँगा.!
चालाकी से तेरा...