समय
कोई आता कोई चला जाता हैं,
समय के साथ सबकुछ बदलता चला जाता हैं।
खामोश सी चारदिवारी में अलग सा ही शोर मचा था
नजर उठाई तो देखा हर शख्स अपने में ही लगा था,
उलझा हुआ धागा जैसे उलझता ही चला जाता है
समय के साथ सब कुछ बदलता चला जाता है।
हंसते खेलते कितने गम बांट लिया करते थे
कितने हसीन दिन थे जब सब साथ निभा लिया करते थे,
झूठ का कफन ओढ़े अब तो...
समय के साथ सबकुछ बदलता चला जाता हैं।
खामोश सी चारदिवारी में अलग सा ही शोर मचा था
नजर उठाई तो देखा हर शख्स अपने में ही लगा था,
उलझा हुआ धागा जैसे उलझता ही चला जाता है
समय के साथ सब कुछ बदलता चला जाता है।
हंसते खेलते कितने गम बांट लिया करते थे
कितने हसीन दिन थे जब सब साथ निभा लिया करते थे,
झूठ का कफन ओढ़े अब तो...