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माटी का नूर..
उड़ जाना चाहता हूं परिंदे की तरह
बह जाना चाहता हूं हवा की तरह
बरसना चाहता हूं बादल की तरह
ठहरना चाहता हूं जल की तरह
चमकना चाहता हूं सूर्य की तरह
सहनशीलता चाहता हूं पृथ्वी की तरह
दानवीरता चाहता हूं दधिची की तरह
माटी का तिलक चाहता हूं नूर की तरह
© khushaboo
बह जाना चाहता हूं हवा की तरह
बरसना चाहता हूं बादल की तरह
ठहरना चाहता हूं जल की तरह
चमकना चाहता हूं सूर्य की तरह
सहनशीलता चाहता हूं पृथ्वी की तरह
दानवीरता चाहता हूं दधिची की तरह
माटी का तिलक चाहता हूं नूर की तरह
© khushaboo
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