समय
वह जा रहे थे,
पास मेरे लफ्ज़ ना थे।
उन्हें रोक लूँ अब, मेरी घड़ियों में वह वक़्त ना थे।
और रोक भी लेता तो कहता क्या उनसे,
मैंने जिन्हें चाहा, अब वह वही शख्स ना थे।
© maalik5
पास मेरे लफ्ज़ ना थे।
उन्हें रोक लूँ अब, मेरी घड़ियों में वह वक़्त ना थे।
और रोक भी लेता तो कहता क्या उनसे,
मैंने जिन्हें चाहा, अब वह वही शख्स ना थे।
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