सिर झुका सा हुआ 💫💫
कल रात एक अजब हादसा सा हुआ
सारी रात रहा वो दरीचा खुला सा हुआ
इतना भारी था किसी का इंतेज़ार करना
सूरज भी रहा दिन भर कुछ बुझा सा हुआ
वो मिला तो सही पर ठीक से नहीं मिला
इस...
सारी रात रहा वो दरीचा खुला सा हुआ
इतना भारी था किसी का इंतेज़ार करना
सूरज भी रहा दिन भर कुछ बुझा सा हुआ
वो मिला तो सही पर ठीक से नहीं मिला
इस...