...

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चलता चल
चलता चल, चल चलता चल
आगे आगे, बढ़ता चल
हालातों को कर के वश
चलता चल, चल चलता चल

पथ में चाहे बिखरे हो
शूल नए प्रकारों के
धूप ने चाहे भेजे हो
तुमको तोहफ़े अंगारों के
पाँवों में भरकर पाथर
लक्ष्य को सीना ताने चल
चलता चल,चल चलता चल
आगे आगे, बढ़ता चल

जंगल के शजरों ने बोलो
कब राह नीर की ताकी है
गमलों की तुलना में देखों
फिर भी लकड़ी काफ़ी है
त्याग दे सुख की फुलवारी
कष्टों से यारी करता चल
चलता चल,चल चलता चल
आगे आगे, बढ़ता चल
_©meenu🌸