...

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सरहदें🪖
सरहदें ही थी हिफ़ाज़त में हमारी आज तक
कर हलाकत न सका कोई हमारी आज तक
अब सरहदें ही सरहदों से खौफ क्यों खाने लगी
जो दोस्तो सी रह रही थी सरहदों पर आज तक

पार से अब मिल रही सौगात में है गोलियाँ...