मुश्किल नहीं समझना
"बह रही हूँ नदिया सी मैं,
अपनी ही धुन में हो मगन।
थाम ले जो तू बन सागर,
समर्पित कर दूं पूरा जीवन।।
कुछ राज़ बड़े गहरे मन के,
अर्थ खोज रहे इस जीवन का।
समझ न सके जग जिसको,
भेद...
अपनी ही धुन में हो मगन।
थाम ले जो तू बन सागर,
समर्पित कर दूं पूरा जीवन।।
कुछ राज़ बड़े गहरे मन के,
अर्थ खोज रहे इस जीवन का।
समझ न सके जग जिसको,
भेद...