वो समझती नहीं
मैं घडी घडी हर घडी इशारेें करता हूँ , वो मस्त हैं अपने में समझती नहीं !
मैं काग़ज़ों पे जस्बात उतार देता हूँ , वो पढ़ती तो हैं पर समझती नहीं !
उसे हँसाने क लिये पहले रुला देता हूँ...
मैं काग़ज़ों पे जस्बात उतार देता हूँ , वो पढ़ती तो हैं पर समझती नहीं !
उसे हँसाने क लिये पहले रुला देता हूँ...