...

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सिख रहा हु प्यार करना
इख़्तियार नहीं मेरा मुझपे
मेरा ख्वाब, मेरा वजूद सारी तेरी हातमे ,
कुछ रब्त राब्ता सा होगया है
बस फन्ना हुए जारहा हू तेरी प्यारपे
अभी तो कितनी फितूर, कितनी मोहब्बते
दिलमे सुकून सा पिन्हाँ सोया है
चाहता हू की बरसादु सारी एकहिबारमे
देखे तेरी नर्गीसे भी, की ...