हर नारी की यही कहानी
नारी की यही कहानी
काम से निकली काम पे चलती
वर्षो की रीत पुरानी
खुद कमाती खुद पकाती, हर नारी की यही कहानी।।
पुरुष प्रधान इस देश में नारी
हार कभी न मानी
अस्तित्व की खातिर लड़ाई जो लड़ती, दुनियाँ अबला जिसको मानी।।
दुःख-दर्द जाने क्या-क्या सहती
जिसे पहचान खुद की...
काम से निकली काम पे चलती
वर्षो की रीत पुरानी
खुद कमाती खुद पकाती, हर नारी की यही कहानी।।
पुरुष प्रधान इस देश में नारी
हार कभी न मानी
अस्तित्व की खातिर लड़ाई जो लड़ती, दुनियाँ अबला जिसको मानी।।
दुःख-दर्द जाने क्या-क्या सहती
जिसे पहचान खुद की...