3 बज कर 5 मीनट
शायद वो कलम उस्की थी,
दिल कि कागज़ मेरी थी,
शब्द बेशक उनके थे,
बरहाल
ईश्क की वो...
दिल कि कागज़ मेरी थी,
शब्द बेशक उनके थे,
बरहाल
ईश्क की वो...