"करीब बैठ"
ना बहाना आँसू ....
हथलियों से छू....
आखिरी मुलाक़ात का तोहफ़ा दे जाना!
गर आखिरी सांस.....
चली जाए देखे बिना....
दो घड़ी करीब बैठ....
राह सफऱ आसान कर जाना!!
© सांवली (Reena)
हथलियों से छू....
आखिरी मुलाक़ात का तोहफ़ा दे जाना!
गर आखिरी सांस.....
चली जाए देखे बिना....
दो घड़ी करीब बैठ....
राह सफऱ आसान कर जाना!!
© सांवली (Reena)