...

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हालत- ए -दिल
ये हालत कैसी की है अपने दिल की मैंने
कि सांसों को चलने में कुछ तकलीफ़ हुई है।

मुझे सबूत भी तो देना था उसको की
बेइंतहा मोहब्बत की है।

मिलना था मुझको गुलाब तेरे इश्क़ का
कड़वी नीम सी मुझको कोई दवाई दी है।

छुपा के रखना था मुझे सारे ज़माने से इसको
पर ये क्या की हाथ में कलम पकड़ाई गई है।
© बावरामन " शाख"