कुछ लफ्ज
उन्होंने पूछा चोट गहरी लगती है :-
मत पूछो ये निशां ,
कैसे करूंगी ब्यां,
रुक जाती है जुबां ,
उनके सामने ।
बहुत दर्द हैं दिये ,
हम घुट घुट कर भी जिएं ,
हमने आसूं भी पिएं ,
यारा हर शाम में...
मत पूछो ये निशां ,
कैसे करूंगी ब्यां,
रुक जाती है जुबां ,
उनके सामने ।
बहुत दर्द हैं दिये ,
हम घुट घुट कर भी जिएं ,
हमने आसूं भी पिएं ,
यारा हर शाम में...