...

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हमदर्द
यु अगर दिल के अल्फाज़ दिल मे रहें तो जज्बात कहा होंगे
और जो यूँही चलते रहे बेख़बर तो एक दिन हम कहा होंगे

ग़र मंजिल मिल गई लड़के तक़दीर से, बिना तेरे उसके मायने कहा होंगे
शिकस्त मे बेपरवाह तू साथ रहे बस हमदर्दी के फसाने वहां होंगे